रतन टाटा ने फिर बचाई भारत की लाज

रतन टाटा ने अमेरिकी कार कंपनी से लिया ऐसा बदला की कहानी सुनकर आप भी कहेंगे टाटा महान है ! फोर्ड कंपनी को बेचने गए थे कार मालिक ने कहा आपको कुछ नहीं पता, आप पर अहसान करें ! क्या आप मीटिंग से लौटते ही बनाएं? ऐसा प्लैन फोर्ड का मालिक लगा गिड़गिड़ाने फिर टाटा ने किया है अहसान ! रतन टाटा की एक आदत बड़ी शानदार है वो किसी को कुछ कहते नहीं है कर्मचारियों को अपना परिवार मानते हैं,

रतन टाटा ने फिर बचाई भारत की लाज

लेकिन अगर कोई उनका अपमान करे तो उसका बदला भी नहीं बोलते हैं ! हमारी और आपकी तरह वो बदला बोलकर नहीं लेते बल्कि अपने अंदाज में लेते हैं हम आपको इसके सबूत भी दिखाएंगे ! लेकिन पहले ये कहानी सुनिए इस कहानी की शुरुआत होती है ! साल 1998 से रतन टाटा मार्केट में इंडिगो कार लेकर आए थे ये तस्वीर उसी लॉन्चिंग की है ! जिसमें रतन टाटा 5 सीटर इंडिगो कार की गेट पकड़े दिख रहे हैं ! ये वो दौर था जब रईसों के पास ही सिर्फ Car  होती थी ! रतन टाटा को लगा कि साल 1994 में लॉन्च हुए एसयूवी टाटा सूमो की तरह ही इन्डिगो भी खूब बिकेगी ! लेकिन ऐसा नहीं हुआ !

तब उन्होंने सोचा कि क्यों ना अमेरिकी कंपनी फोर्ड के साथ करार करके इसे भेज दिया जाए ! वैसे तो इंडिया में स्वदेशी का लाने वाले रतन टाटा ही थे, लेकिन इंडिगो की असफलता से वो घबरा गए तब उनकी मीटिंग फिक्स हुई ! फोर्ड के चेयरमैन बिल फ़ोर के साथ अपनी पूरी टीम के साथ जब रतन टाटा बिल फोर्ड के पास पहुंचे ! तो करीब 3 घंटे तक दोनों की मीटिंग हुई लेकिन उसी दौरान बेलफोर्ट ने रतन टाटा से कहा तुम कुछ नहीं जानते तुमने पैसेंजर का डिविज़न क्यों शुरु की?

हम तुम्हारा कार्ड डिविज़न खरीदकर तुम पर बड़ा एहसान कर रहे हैं ! इतना सुनते ही गंभीर रतन टाटा गुस्से से लाल हो गए सीधा मीटिंग से निकलकर उन्होंने फ्लाइट पकड़ी और मिशिगन से न्यू यॉर्क आने में जो डेढ़ घंटे का वक्त लगा ! उस दौरान किसी से कोई बातचीत नहीं की बस ये सोच रहे है ! की कंपनी बेचू या नहीं? मुंबई लौटते ही सीधा टीम से कहा कार बिज़नेस नहीं बेचेंगे और मेहनत करो, इससे आगे बढ़ाओ ये फैसला सुन सब हैरान थे लेकिन समय का पहिया घूमा साल 2008 तक टाटा की कार मार्केट में छा चुकी थी ! लेकिन उधर फूड का बिज़नेस वैश्विक मंदी की वजह से गिरने लगा था !

फोर्ड के मालिक रतन टाटा के पास मुंबई आए ! दोनों की मीटिंग हुई तब रतन टाटा ने कहा जैगवार और लैंड रोवर सीरीज की कारों का बिज़नेस खरीदने के लिए तैयार दो दशमलव तीन बिलियन डॉलर में करार हुआ ! तब बिल फोर्ड ने कहा आपने ये दो कंपनियां खरीद कर हमारे ऊपर एहसान किया है ! यह आसान में ज़िन्दगी भर कभी भूल नहीं पाऊंगा !

रतन टाटा की Nano Car इलेक्ट्रिक ने लोगों में जगाया उत्साह

इसी सफलता के बाद रतन टाटा साल 2008 में मिडल क्लास का सपना पूरा करने के लिए टाटा नैनो लॉन्च की ! लेकिन वो उतनी नहीं चली लेकिन रतन टाटा का सम्मान कभी कम नहीं हुआ ! अभी वो कहते है की सब से पंगा लेना किसी हिंदुस्तानी से मत लेना वरना जो अडानी की तरह दूसरे देशों का एअरपोर्ट भी खरीद सकता है ! आज रतन टाटा की तुलना किसी और बिज़नेस से नहीं हो सकती है ! क्योंकि वो बिज़नेस से ज्यादा लोगों की भलाई सोचते हैं, कमाई का ज्यादातर हिस्सा दान कर देते हैं ! साइरस मिस्त्री की मौत के बाद रतन टाटा ने उनके चचेरे भाई मेरी मिस्त्री को ट्रस्ट में शामिल किया !

ये वही मेहली मिस्त्री हैं ! जिन्होंने नैनो लॉन्च करने में रतन टाटा का साथ दिया लेकिन सारे मिस्त्री के खिलाफ़ दे उसके बावजूद टाटा ने कार लॉन्च की आज टाटा की कंपनी नई बुलंदियों को छू रही हैं भले ही पैसे कमाने में अंबानी, अडानी से टाटा ग्रुप पीछे लेकिन लोगों के दिल में जो इज्जत है ! वो दुनिया के बड़े बड़े बिज़नेस मैन नहीं कमा सकते हैं 25 साल के इस शांतनु नायडू आप रतन टाटा के साथी हैं ! जिनका किस्सा भी बेहद दिलचस्प है !

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