EWS Reservation का लाभ सवर्ण ऐसे उठाएं

सामान्य वर्ग के लिए खुशखबरी EWS Reservation पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया? क्या है EWS Reservation के प्रावधान? इससे कौन कौन उठा सकता है लाभ ! समाज के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों या इकोनॉमिकली विकन सेक्शन को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए EWS Reservation की व्यवस्था की गई थी

EWS Reservation क्या है

इसमें एससी, एसटी और ओबीसी के साथ साथ जनरल कैटगरी के गरीब लोगों को भी शामिल किया गया था ! लेकिन यही बात विवाद की वजह बनी और इससे जुड़े प्रावधनों को अदालत में चुनौती दे दी गई ! इसे लेकर कोर्ट को यह दलील दी गई कि सामान्य वर्ग के लोगों को आरक्षण का लाभ देना संवैधानिक ढांचे के खिलाफ़ है ! इस पर लंबी चली जिरह के बाद आखिरकार सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने अपना फैसला सुना दिया !

फैसला हुआ की ईडब्ल्यूएस के तहत मिलने वाले प्रावधान में दस फीसदी आरक्षण जनरल कैटेगरी के लोगों को मिलता रहेगा ! हालांकि इसमें भी एक दिलचस्प बात यह रही कि ये फैसला सुनाने वाली पांच जजों की बेंच में से तीन इसके समर्थन में थे ! तो दो जज इसके प्रावधान के खिलाफ़ थे ! ऐसे में फैसला तीन दो के पक्ष में गया इसके खिलाफ़ फैसला देने वाले जजों में जस्टिस UU ललित और जस्टिस रवींद्र भट्ट शामिल थे !

EWS Reservation कौन कौन पात्र होंगे

इस तरह से EWS Reservation से जुड़ी पात्रता में अब सामान्य वर्ग के लोग शामिल रहे सकेंगे ! इसके तहत पात्र वही लोग माने जाएंगे जिनके परिवार की आय सालाना 8 लाख रुपए से कम होगी, जिनके पास कृषि योग्य भूमि 5 एकड़ से कम होगी और जिन के पास आवास एक हज़ार वर्गफीट से कम हो ! इसमें नोटिफाइड मेस्योपलिटी के तहत प्लॉट का आकार 100 गज से कम होना चाहिए ! जबकि नॉन नोटिफाइड मेस्योपलिटी के तहत आवासीय प्लॉट का आकार 200 गज से कम होना चाहिए !

EWS Reservation का लाभ सवर्ण ऐसे उठाएं

आपको बता दें की ईडब्ल्यूएस आरक्षण से जुड़ा बिल 8 जनवरी 2019 की रात लोकसभा में पास हुआ था ! इसके पक्ष में 223 जबकि विपक्ष में महज 3  ही वोट पड़े थे ! आरजेडी डीएमके समेत लेफ्ट पार्टियों ने इसका विरोध किया था ! इसके बाद ये बिल 10 जनवरी दो हज़ार उन्नीस को राज्यसभा से भी पास हुआ ! जहाँ इसके पक्ष में 165  जबकि विरोध में सिर्फ 7 ही वोट पड़े थे ! इकतीस जनवरी दो हज़ार उन्नीस को नोटिफिकेशन जारी होते ही ये लागू कर दिया गया ! इसके तहत संविधान में 103 वां संशोधन करते हुए आर्टिकल पंद्रह और सोलह में खंड 6 जोड़ा गया ! और शिक्षण संस्थानों में ऐडमिशन के साथ साथ नौकरियों में भी दस फीसदी आरक्षण का प्रावधान कर दिया गया !

इस मामले पर अब सुप्रीम कोर्ट की ओर से फैसला आ जाने के बाद सामान्य वर्ग के गरीब तबके के लोगों ने राहत की सांस ली है ! क्योंकि इस फैसले के साथ ही अब ईडब्ल्यूएस श्रेणी में उनके लिए दस फीसदी आरक्षण पाने का रास्ता साफ हो गया है ! इस फैसले के बाद लोगों की अलग अलग तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है ! लोगों का मानना है कि इससे समाज में उन गरीबों को जो सामान्य वर्ग से ताल्लुक रखते हैं, उन्हें मुख्यधारा से जुड़ पाने में आसानी होगी !

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